एक दुःखद यात्रा दिनांक 26.05.2024 समय शाम के 5.00 बजे अचानक से मम्मी के फोन पर पापा के नम्बर से फोन आता है। उस फोन को मेरे द्वारा रिसीव किया जाता है। पापा की भर्रायी आवाजए ‘‘ओम मेरे एक जोड़ी कपड़े और अपने और भैया के एक जोड़ी कपड़े रखकर 15 मिनट में यूनिवर्सिटी के गेट पर मिल हमें तुरन्त गाँव जाना है, बाबा चले गये हैं’’ मेरे द्वारा मेरे छोटे भाई को गाँव जाने का आग्रह करने पर उसने गाँव जाने को मना कर दिया तो मैं अकेला ही बैग उठाकर यूनिवर्सिटी के गेट पर पहुँच गया। 20-25 मिनट बाद भी पापा के न आने पर मेरे द्वारा गार्ड अंकल के फोन से पापा के फोन पर फोन करने पर पता चला कि वे बस 5 मिनट में पहुँच रहे हैं। कुछ समय बाद वहाँ पापा आते है और एक गाड़ी से मुझे आवाज लगाते हैं मैं जैसे ही गाड़ी में बैठता हूँ मैं डर जाता हूँ पापा, बडी बुआ, फुफाजी और छोटी बुआ भी गाड़ी में बैठे हैं और बाबा जी के सर को पापा अपनी गोद में रखे रो रहे हैं। बडी बुआ और छोटी बुआ के आँखों में भी आँसू है। मैं अचरज में पड़ गया और समझ ही नहीं पाया कि आखिर माजरा क्या है? बाबा को क्या हुआ है? पापा ने रोते हुए बाबा जी के चेहरे पर...